झारखंड के गर्ल्स रेसिडेंशियल स्कूलों की सुरक्षा का होगा ऑडिट:स्कूलों में लगाए जाएंगे लैंडलाइन फोन, जारी होगा टोल फ्री नंबर, स्कूलों में प्रवेश के लिए बनेगा एसओपी

राज्य सरकार विभिन्न जिलों में चल रहे 203 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय और 57 अन्य आवासीय स्कूलों के सुरक्षा का ऑडिट कराएगी। ऑडिट कराने का यह निर्णय हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई जेइपीसी की राज्य स्तरीय बैठक में लिया गया है। बीते कई सालों में राज्य के कई कस्तुरबा स्कूलों में हुई घटना और आए दिन इन स्कूलों में सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। ऐसा नहीं है कि सुरक्षा का यह ऑडिट केवल अभी किया जाएगा। इसे नियमित रूप से करने का निर्णय लिया गया है।
तत्काल सरकार क्या कदम उठा रही है
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे पहले इन स्कूलों की जांच करायी जाएगी। यह जांच जिलों के उपायुक्त की ओर से गठित चार-चार महिलाओं की टीम करेगी। जल्द ही टीम गठित कर उन्हें स्कूल भेजे जाएंगे। यह टीम स्कूल जा कर छात्राओं की समस्याएं जानेगी। यहां उन्हें जो भी जानकारी मिलेगी, उसकी एक रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके बाद उन समस्याओं का तत्काल क्या समाधान हो सकता है, वैसे कदम उठाया जाएगा।
लैंडलाइन फोन के साथ जारी होगा टोल फ्री नंबर
बालिका आवासीय विद्यालयों की सुरक्षा के लिए जो कुछ किया जा सकता है, सरकार हर वो कदम उठाने जा रही है। किसी भी परिस्थिति में स्कूल से संपर्क करने के लिए स्कूलों में अनिवार्य रूप से लैंडलाइन फोन लगाए जाएंगे। इसके लगने से वहां पढ़ने वाली छात्राएं अपनी किसी समस्या की जानकारी अपने अभिभावक या पदाधिकारियों को दे सकेंगी।
टोलफ्री नंबर भी होंगे जारी
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कार्यकारिणी समिति ने बालिका आवासीय स्कूलों के लिए राज्य स्तर पर एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक स्कूल में एक कंप्लेन बॉक्स लगाने को कहा गया है। जिसमें छात्राएं अपनी समस्या या शिकायत लिखित रूप से डालेंगी। उस बॉक्स को 15 दिनों के अंदर जिले के प्रभारी प्रखंड के पदाधिकारी के सामने खोला जाएगा और समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
एसओपी के साथ विजिटिंग रजिस्टर होगा अनिवार्य
वर्तमान में कई विद्यालयों में पाया गया है कि मिलने के लिए आने वाले लोगों की जानकारी लिखित रूप से नहीं रखी जाती है। अब इसे विजिटिंग रजिस्टर के रूप में अनिवार्य किया जाएगा। इसके अतिरिक्त स्कूल में आने-जाने वालों के लिए एसओपी भी जारी होगा। जिन स्कूलों में कंस्ट्रक्शन हो रहा होगा, वहां काम करने वालों को पहचान पत्र जारी किया जाएगा।

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